काव्याक्षरा
शायर हूंँ मनमौजी नहीं! लेखिका हूँ पर गुम भी नहीं! मेरी शख़्सियत मेरे उसूलों की नज़ीर है! मेरे ज़हन की गहराई बेनज़ीर है!
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