
हृदय की कोमल भावनाओं के साथ जब मन का विश्वास जुड़ जाता है तो कल्पना का स्तर ऊँचा होता जाता है!
लेकिन कल्पना कितनी भी दृढ़ क्यों न हो, सत्य का प्रतिबिंब मात्र होती हैं!
सत्य कभी नहीं•••✍️
#काव्याक्षरा
शायर हूंँ मनमौजी नहीं! लेखिका हूँ पर गुम भी नहीं! मेरी शख़्सियत मेरे उसूलों की नज़ीर है! मेरे ज़हन की गहराई बेनज़ीर है!
हृदय की कोमल भावनाओं के साथ जब मन का विश्वास जुड़ जाता है तो कल्पना का स्तर ऊँचा होता जाता है!
लेकिन कल्पना कितनी भी दृढ़ क्यों न हो, सत्य का प्रतिबिंब मात्र होती हैं!
सत्य कभी नहीं•••✍️
#काव्याक्षरा
Very nice
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🌹
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