शब्द आपके🌸
रसमय आवरण में लिपटे
छद्म आक्रामक
हृदय पर अधिकार
करने की मुद्रा में
प्रयासरत रहते हों चाहे!
परंतु सत्य तो ये है कि
अविजित हृदय मेरा
किसी भी आकर्षण की
परिधि से सदैव ही
बाहर रहा है आर्यपुत्र•••✍️
काव्याक्षरा

शायर हूंँ मनमौजी नहीं! लेखिका हूँ पर गुम भी नहीं! मेरी शख़्सियत मेरे उसूलों की नज़ीर है! मेरे ज़हन की गहराई बेनज़ीर है!
शब्द आपके🌸
रसमय आवरण में लिपटे
छद्म आक्रामक
हृदय पर अधिकार
करने की मुद्रा में
प्रयासरत रहते हों चाहे!
परंतु सत्य तो ये है कि
अविजित हृदय मेरा
किसी भी आकर्षण की
परिधि से सदैव ही
बाहर रहा है आर्यपुत्र•••✍️
बहुत सुंदर |
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🎉🌺🎉
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