नज़रों में रहने की फ़कत इल्तज़ा की हमने
तुम दिलो ज़िगर के पार आँसुओं में ढल गई
#kavyakshra

शायर हूंँ मनमौजी नहीं! लेखिका हूँ पर गुम भी नहीं! मेरी शख़्सियत मेरे उसूलों की नज़ीर है! मेरे ज़हन की गहराई बेनज़ीर है!
नज़रों में रहने की फ़कत इल्तज़ा की हमने
तुम दिलो ज़िगर के पार आँसुओं में ढल गई
#kavyakshra