ज़िंदगी के दामन में
जो मोती शेष रह गए
उम्र खाली हो चली
पर चुन न पाए वो सभी.. ✍️
काव्याक्षरा

शायर हूंँ मनमौजी नहीं! लेखिका हूँ पर गुम भी नहीं! मेरी शख़्सियत मेरे उसूलों की नज़ीर है! मेरे ज़हन की गहराई बेनज़ीर है!
ज़िंदगी के दामन में
जो मोती शेष रह गए
उम्र खाली हो चली
पर चुन न पाए वो सभी.. ✍️