अनेक अर्थों को समेटे
उसका मुझसे
“कुछ नहीं” कहना
मेरे नादान दिल को
एक बारगी
झकझोर जाता है…
मैं समझ नहीं पाता
कि कुछ कहना है उसका
अभी बाकी
या मेरे सुनने की
आदत पर वो
इख़्तियार चाहता है…✍️
बहुत सुंदर सृजन करती हो काव्या
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हृदय से आपका आभार सर! आपको यहाँ पाकर सुखद आश्चर्य हुआ! 😊
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